जो कर्म को आईना बना कर आगे बढ़ते हैं




 जो कर्म को आईना बना कर आगे बढ़ते हैं

उनकी तस्वीर बहुत चमकदार बनती है

खा खा के ठोकरे सीखते जाते हैं तजुर्बे

तभी तो उनकी छवि खुश्बूदार बनती है  

रात भर में कोई मश्हूर नही होता


सभी ने खुद को दिन रात तपाया होता है

अच्छे वक्त में जो तारीफ करे जोरों से

व्ही बुरे वक्त में अक्सर पराया होता है

मलिक की कलम करती नहीं वार किसी के जख्मों पर


बस उसने तो कड़वी सच्चाई से रूबरू कराया होता है

दुनिया को जीतना असम्भव नहीं प्यारे

मायूस आदमी तो खुद का ही हराया होता है

कर ले हर पल उस मालिक को याद


नहीं तो वक्त की सुनामी कर डालेगी बर्बाद

बदलते वक्त में तो परछाई भी परायी है

तभी तो अब तेजी से मैंने कलम चलायी है

अच्छे सन्देश जन जन तक पहुँचाने है


कुछ भटके सही राह पर लाने हैं

अंतरात्मा से लो निर्णय हर पल धैर्य से तुम

छोड़ के झमेले बस हो जाओ उस खुदा में गुम

फिर देखो तो कुदरत के रंग


कैसे चलती है पल पल तुम्हारे संग

परीक्षा कड़ी होगी माना है

कुदरत के संग मुश्किल नहीं कुछ यही जाना है

मेरे लफ्जों को मिल जाये अगर सच्ची वाहवाही का साथ


कसम से शब्दों से कर दू कमाल हाथों हाथ

अपने कर्म से , शर्म से , धर्म से अपना वक्त गुजार लीजिये

इंसान हो बन्धु इंसानियत का ही परिचय दीजिये

बन जाओ खुद की नजरों में शरीफ


तुम्हारी आत्मा ही सच्ची सखी है

कर लो डट कर अच्छे कर्म इस धरा पर

वर्ना तो दुनिया तो भगवान से भी दुखी है

फर्ज की आवाज को करना तुम फीका


कर्म का लगाते रहना नित नित टीका

निंदा से होकर दूर डुबो कुदरत के प्यार में

प्रेम की गंगा हो सके तो बहा दो इस संसार में

लिखावट में हुई कमी की मेरी तरफ से माफ़ी है

लिख पाया इतना बस यही मेरे लिए काफी है

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2 Comments

  1. आप ने यह जो भी जानकारी लिखी मेरे को काफी अच्छी लगी मे hindi मे आर्टिकल लिखता हु अक बार आप मेरे भी रीड कर के देखना

    ghar baithe paise kaise kamaye

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  2. बहुत ही प्रेरणा दायक लेख।
    https://msghanatunda.blogspot.com/2021/07/course-2-gyan-ka-khazana.html

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