ओ मेरे देश की नारी/कविता/कृष्ण मलिक अम्बाला


 लड़ो अनपढ़ता से ,

पढ़ो आगे बढ़ो प्रगति पथ पर ,

मर्यादा का पर तुम ध्यान रखना 


ओ मेरे देश की नारी ,

कर ले अब तू तैयारी,

तुने हर हाल में भारत का मान रखना 


 ना डरना पाबंदियो से ,

रखकर सबको अपने साथ , 

अब शक्ति के रूप में है दिखना 


सशक्त हो आगे आकर ,

अपने निर्णय लेने की ताकत पाकर ,

नया इतिहास है अब तुमने रचना 



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