मेरे विचारों में ऐसा नूर हो जाये


 


मेरे विचारों में ऐसा नूर हो जाए

कोई न मेरी तरंगों  से दूर हो जाए


भर दूं रस ताजगी भरा कुछ इस तरह 

हर किसी को जबरदस्त सरूर हो जाए 


नहीं बनना मुझे किसी  की हर पल की जरुरत 

पर शब्दों की दोस्ती जरुर हो जाए 


करूँ  शोध हर अनुभव पर  जिंदादिली से 

बस दिल के दुखने का न कसूर हो जाए 


आनंदित हो हर पढ़ता  शख्स 

कुछ इस तरह की लिखावट जरूर हो जाए 


मेरी कलम चले कुछ इस कदर 

पढ़ने वाला फिर से पढ़ने को मजबूर हो जाए   



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