कुछ तुच्छ पंक्तियाँ
पीरो दे मोती साँसों के खुदा
हो न जाए अगला पल जुदा
ऐसे कर दो खुदा मेरी जिंदगानी
भले में सबके निकले जवानी
लिखने हैं कलम से कुछ ऐसे पैगाम
जाने पर भी याद रहे दुनिया को ये नाम
*मलिक की कलम से*
कुछ तुच्छ पंक्तियाँ
पीरो दे मोती साँसों के खुदा
हो न जाए अगला पल जुदा
ऐसे कर दो खुदा मेरी जिंदगानी
भले में सबके निकले जवानी
लिखने हैं कलम से कुछ ऐसे पैगाम
जाने पर भी याद रहे दुनिया को ये नाम
*मलिक की कलम से*
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