दर्द दिल में जितना गहरा हो , कंधे उतने मजबूत हो जाते हैं ।
संघर्ष की ताकत ही कुछ ऐसी , जिससे मिट्टी के भी वजूद हो जाते हैं ।
लड़खड़ा कर सम्भल , गिर कर उठ हर पल ओ मुसाफिर ।
लक्ष्य की आग जिंदा है तो होगा मुकाम भी सम्भव किसी रोज़ ।
बस इस जुनून से ही तो , होंसले बारूद हो जाते हैं ।
दर्द दिल में जितना गहरा हो , कंधे उतने ही मजबूत हो जाते हैं ।
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