" भूल गए हैं हम आजकल ,
आजादी के मतवालों को ।
सौंप रहे हैं सत्ता अब हम ,
बईमानी के दलालों को ।
डर से हो रहा लाचारी का विस्तार ,
हो रहा इससे इंसानियत पर प्रहार ।
अब तो उठ कर जागृति लाओ ,
बेईमानों को सबक सिखाओ ।
सही अर्थों में आजादी लाओ ,
भारत को फिर से आजाद बनाओ ।"
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