बिना लक्ष्य कोई मंजिल नहीं
बिना कश्ती कोई साहिल नहीं
बिना सुर कोई ताल नहीं
बिना सिर कोई बाल नहीं
बिना भक्त कोई भगवान नहीं
बिना आत्मा कोई इंसान नहीं
बिना रेत कोई सरिता नहीं
बिना कहे कोई काम करता नहीं
बिना प्रैक्टिस कोई परफेक्ट नहीं
कविता लिखना ही मेरा प्रोजेक्ट नहीं।
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